Description
राजू की नीली बाइक सिर्फ़ एक सवारी का साधन नहीं थी, बल्कि उसकी सबसे प्यारी दोस्त थी। यह कोई आम बाइक नहीं थी, बल्कि उसके पिता ने उसे अपने पहले वेतन से खरीदी थी। बाइक पुरानी हो चुकी थी, मगर उसकी यादें नई थीं। हर सुबह जब राजू अपनी बाइक स्टार्ट करता, तो इंजन की आवाज़ जैसे उसका हौसला बढ़ा देती। कॉलेज के दिनों में यही बाइक उसके हर एडवेंचर की साथी रही थी—कभी दोस्तों के साथ लॉन्ग राइड पर, तो कभी बारिश में भीगते हुए घर लौटने का मज़ा। समय बीतता गया और राजू के पास अब एक नई चमचमाती बाइक आ गई। मगर वह पुरानी बाइक, जो उसके संघर्ष के दिनों की साथी रही थी, उसे छोड़ना आसान नहीं था। वह उसे बेचने की सोच भी नहीं सकता था। एक दिन उसने तय किया कि वह इसे फिर से नया बनाएगा। उसने बाइक को सर्विस सेंटर ले जाकर ठीक करवाया, नया पेंट करवाया और इंजन को भी दुरुस्त कराया। अब वह बाइक पहले से भी ज्यादा चमकदार लग रही थी। जब राजू उस पर बैठा और इंजन स्टार्ट किया, तो वही पुरानी, जानी-पहचानी आवाज़ आई। उसे एहसास हुआ कि कुछ चीज़ें सिर्फ़ चीज़ें नहीं होतीं, बल्कि हमारी यादों और जज़्बातों का हिस्सा होती हैं। "कुछ रिश्ते कभी पुराने नहीं होते, जैसे एक सवारी और उसके सवार का रिश्ता!" 🚲💙
