Sourav Mukh

Sourav Mukh

7 months ago
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hi
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तुम्हारी यादों की बरसात में भीग रहा हूँ, हर बूँद में तेरा चेहरा दिख जाता है। आसमान से टूटते तारों की तरह, तेरी यादें हर रात गिरती हैं, मगर दिल की जमीं पर ठहर जाती हैं। कभी-कभी सोचता हूँ, क्या तुम भी यूँ ही याद करते हो?