गोकुल की गलियों में, कृष्णा की यादें हैं बाँसुरी की धुन में, दर्द की आहें हैं कंस के डर से, माता-पिता का प्यार एक जीवन निर्वासन, शुरू होने से पहले ही हार कृष्णा, तू कहाँ है? तेरी यादें हैं तेरे बिना, ये दिल उदास है प्रेम, हानि, और कर्तव्य, एक रास्ता तेरा एक देव, दिल से, जो अक्सर गलत समझा जाता है मथुरा का सिंहासन, एक दूर का सपना एक राजकुमार, ग्वाले की तरह जीवन युद्ध, लड़ाइयाँ, और दिल का दर्द एक नीले त्वचा की कहानी, प्रेम, खोया, और सच्चा दर्द कृष्णा, तू कहाँ है? तेरी यादें हैं तेरे बिना, ये दिल उदास है प्रेम, हानि, और कर्तव्य, एक रास्ता तेरा एक देव, दिल से, जो अक्सर गलत समझा जाता है कुरुक्षेत्र की धरती पर, खड़े थे दो पक्ष पांडव और कौरव, एक युद्ध का अक्ष "कर्तव्य ही धर्म है", कहा था तूने पर दिल को समझाना, इतना आसान नहीं गीता के उपदेश, आज भी गूंजते हैं कृष्णा की बातें, दिल को छू जाती हैं "निष्काम कर्म करो", यही था तेरा संदेश पर हम तो बस, तेरा साथ चाहते हैं "यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।" जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म की बढ़ती है, तब-तब मैं अपने रूप में प्रकट होता हूँ। (बीट ड्रॉप) कृष्णा... कृष्णा... तेरी यादें हैं, मेरे दिल में कृष्णा... कृष्णा... तेरे बिना, ये दिल उदास है हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
