Description
00:00:00 यह अब तक का कश्मीर को लेकर बेस्ट न्यूज़ है। इजराइल भारत के साथ मिलकर पीओके के लिए कुछ बहुत ही बड़ा प्लान कर रहा है। अग्रेसिव ना हो जान दे देंगे इसके लिए। बाकी बचे हिस्से जैसे गिल्गिट और बालस्तान तक बालचिस्तान तक पहुंचे। इंडिया के पास एक्चुअली इसके लिए एक प्लान भी है। इवन टॉप इंडियन आर्मी जनरल ने भी ओपनली यह बयान दे दिया है। एज फ इंडियन आर्मी इज कंसर्न इंडियन आर्मी विल कैरी आउट एनी ऑर्डर व्हिच इज बीन गिवन बाय दी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया। एंड व्हेनवर सच ऑर्डर्स आर गिवन वी विल ऑलवेज बी रेडी फॉर इट। अब इंडिया का यह ऐलान पाकिस्तान के लिए ही कम 00:00:34 नहीं था कि इजराइल ने भी कश्मीर में अपनी एंट्री अनाउंस कर दी है। यस, इंडिया के खास दोस्त और पाकिस्तान के कट्टर दुश्मन इजराइल ने यह डिक्लेअ कर दिया है कि वो कश्मीर में दो बड़े एग्रीकल्चरल सेंटर्स खोलने वाला है। और इजराइली ऑफिशियल्स ने तो इसके लिए फील्ड विजिट्स भी ऑर्गेनाइज करना शुरू कर दिया है। एंड माइंड यू दिस इंक्लूड्स एरियाज वेरी क्लोज टू द बॉर्डर आल्सो। अब यह इंडिया के लिए एक बहुत ही बड़ी अपॉर्चुनिटी है क्योंकि यह दो सेंटर्स ऑफ एग्रीकल्चरल एक्सीलेंस में कश्मीरी फार्मर्स के साथ सुपर एडवांस इजरायली टेक्नोलॉजी शेयर की जाएगी। वही 00:01:06 टेक्नोलॉजी जिसने इजराइल जैसे एक डेजर्ट कंट्री को आज एग्रीकल्चर में आत्मनिर्भर बना दिया है। पर अब जरा सोचो एक तरफ यह मिलीभगत हो रही है। इस पर पाकिस्तान का क्या रिएक्शन होगा? वेल वहां पर बैठे आतंकी संगठनों ने कश्मीरियों को धमकाना भी शुरू कर दिया है कि कोई भी इस प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन या किसी भी तरह का सपोर्ट नहीं देगा। इजराइल और भारत की इस दोस्ती से पाकिस्तान डर गया है और यह आप पाकिस्तानी मीडिया के हेडलाइन से साफ समझ सकते हो। पर ऑनेस्टली अगर देखा जाए तो कुछ सालों से भारत कश्मीर को लेके काफी सीरियस 00:01:36 हो चुका है। बात तो यहां तक आ चुकी है कि इंडिया में अगर किसी ने गलती से भी मैप में पीओके को इंडिया का हिस्सा नहीं दिखाया तो उसे 7 साल की जेल या 100 करोड़ का फाइन भी हो सकता है। इसके अलावा याद है जब होम मिनिस्टर अमित शाह ने संसद में उत्तेजित होकर यह कह दिया था कि जम्मू एंड कश्मीर के पीए को आप भारत का हिस्सा नहीं मानते हो क्या? अग्रेसिव ना हो जान दे देंगे इसके लिए। और यह मत समझना इंडिया और इजराइल की दोस्ती बस यहीं तक सीमित है। यह तो सिर्फ एक पहलू है। फ्रेंडशिप तो बहुत ही गहरी है। यह काफी कम लोगों को पता होगा 00:02:06 लेकिन 2013 में इजराइल की एलट स्पाई एजेंसी मोसाड ने 1993 मुंबई ब्लास्ट का दोषी दाऊद इब्राहिम का लोकेशन ट्रेस कर लिया था। व्हिच वास समवेयर इन अगेन पाकिस्तान कराची। लोकेशन पता लगते ही मुसार ने इमीडिएटली रॉ को अलर्ट किया और रॉ भी बिना कोई टाइम वेस्ट किए कराची पहुंच गए थे और अपना प्लान एग्जीक्यूट करने ही वाले थे कि लास्ट मोमेंट में एक फोन आया सेइंग मिशन एबोट। अब ये किसी को सर्टेनिटी से नहीं पता कि वो फोन किसका था। बट एक दिग्गज इंडियन लीडर का था। बट एनीवे मोसाड का इंडिया के मोस्ट वांटेड टेररिस्ट को पकड़वाने में यह एक 00:02:42 इंस्ट्रूमेंटल रोल था। ऐसा भी कहा जाता है कि 261 के हमले की खबर मुसाड को पहले ही पता चल चुकी थी और मुसाड ने इंडियन सिक्योरिटी एजेंसीज को वर्न भी किया था। यह बात अलग है इंडिया ने वार्निंग सीरियसली वो वक्त नहीं ली थी लेकिन मुसाड का इंटेल बिल्कुल ऑन स्पॉट था और इन सभी चीजों की वजह से इंडिया को मोसाड़ पर इतना ट्रस्ट हो गया है कि कहा जाता है टर्की में हुए G20 समिट में मोसाड ने ही पीएम मोदी की सिक्योरिटी की पूरी रिस्पांसिबिलिटी ली थी। इसके अलावा भी आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि अच्छे वक्त में तो हर कोई साथ देता है। सच्चा दोस्त 00:03:15 वही होता है जो बुरे वक्त में भी साथ दे। और अगर आप इतिहास निकाल के देखो तो इजराइल ने हमेशा अपने आप को इंडिया के बुरे वक्त का दोस्त साबित किया है। 1971 के इंडोपाकिस्तान वॉर में इंडिया के साथ डिप्लोमेटिक रिलेशंस की वजह से इजराइल ने इंडिया को आर्म्स और एमिनेशंस भिजवाए थे। एंड माइंड यू ये आर्म्स एक्चुअली ईरान के लिए थे। लेकिन इंडिया को अर्जेंटली जरूरत पड़ गई। इसीलिए इजराइल ने उसे डायवर्ट करके इंडिया भेज दिया। 1991 के कारगिल युद्ध में भी जब कोई भी देश इंडिया की मदद करने के लिए सामने नहीं आ रहा था क्योंकि 00:03:46 अमेरिका पाकिस्तान को बैक कर रहा था। इजराइल ने डायरेक्टली इंडिया की मदद की। इजराइल के खास हाई प्रसिजन लेजर गाइडेड मिसाइल्स की वजह से ही इंडियन एयरफोर्स कारगिल पहाड़ों के हाइट्स पर छुप कर बैठे पाकिस्तानी सोल्जर्स पर अटैक कर पाई। लेट मी टेल यू अमेरिका ने बहुत कोशिश की इन मिसाइल डिलीवरीज को डिले करवाने की बट इजराइल ने यह नहीं होने दिया। फिर 1998 की पोखरण न्यूक्लियर टेस्टिंग के बाद जब इंडिया पर यूएस और वेस्टर्न कंट्रीज ने दुनिया भर के सेंशंस लगा दिए थे तब भी इंडिया के आर्म सप्लाई में कोई भी कमी नहीं आई। क्योंकि इजरायल हमारे सारे 00:04:20 डिफेंस नीड्स पूरे करने लगा। और यह मत भूलो कि इंडिया के हिस्टोरिक बालाकोट एयर स्ट्राइक्स में आईएफ ने इजरायली स्मार्ट बम्ब से ही टेररिस्ट लॉन्च पैड्स को ढेर किया था। इसके अलावा भी इजरायल ने तो अनएपोलजेटिकली यह कह दिया है कि वो कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को कभी सपोर्ट नहीं करेंगे। प्लस इजराइल ने ओपनली इंडिया को टेररिज्म से लड़ने के लिए अपना अनकंडीशनल सपोर्ट भी ऑफर किया। और यह सबके पीछे एक मेन रीजन है। इंडिया एंड इजराइल आर यूनाइटेड बाय अ कॉमन एनिमी। 2017 में जब नरेंद्र मोदी इजराइल जाने वाले पहले 00:04:53 इंडियन प्रधानमंत्री बने तब क्वाइट इंटरेस्टिंगली उनको सबसे पहले मिलाया गया मोशे से। मोशे 2 साल के एक बच्चे थे जब उनके पेरेंट्स 261 को नरिमन हाउस पर हमले में मारे गए। अब पीएम मोदी को मोशे से मिलवाना इजराइल की तरफ से एक बहुत ही सिंबॉलिक मूव था। जस्ट टू शो कि मोशे सिर्फ एक सर्वाइवर नहीं है। वो एक रिमाइंडर है। इजराइल और इंडिया के कॉमन एनिमी का जो कि है टेररिज्म। इंडिया के केस में पाकिस्तान मैन्युफैक्चर टेररिज्म टू बी स्पेसिफिक एंड यू विल बी शी शी शी शी शी शी शी शी शी शॉक्ड टू नो 1980 में तो इंडिया और इजराइल मिलकर पाकिस्तान के 00:05:27 न्यूक्लियर रिएक्टर को बॉम्ब तक करने वाले थे। टारगेट पर था पाकिस्तान के कहूटा का अंडर कंस्ट्रक्शन न्यूक्लियर रिएक्टर। इजराइल ऑलरेडी दुश्मन देश इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर्स पर सक्सेसफुल अटैक कर चुका था और इसीलिए उसे एक्सपीरियंस था। लेकिन इजराइल को बस यह डर था कि पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर अमिनिटीज इराक को पहुंचा सकता है। इनफैक्ट इजराइल के पास पाकिस्तान के सीक्रेट रिएक्टर के डिटेल्ड सैटेलाइट फोटोग्राफ्स भी थे और आईएफ ने तो मिलिट्री एक्सरसाइज भी करना शुरू कर दिया था। प्लान पूरी तरीके से तैयार था कि इजरायली 00:05:57 प्लेेंस जामगर एयरबेस से टेक ऑफ करते और हिमालय के थ्रू पाकिस्तान के एयर स्पेस में घुसते। यह प्लान को पीएम इंदिरा गांधी ने अप्रूव भी कर दिया था। बट अनफॉर्चुनेटली यूएस और पाकिस्तानी इंटेलिजेंस को इसकी भनक पड़ गई और जस्ट लास्ट मोमेंट पर द प्लान वास कॉल्ड ऑफ और पाकिस्तान बाल-बाल बच गया। बट फ्रेंड्स अब इसमें नेचुरली एक दूसरा सवाल उठता है कि इजराइल और पाकिस्तान एक दूसरे के दुश्मन क्यों? वेल जस्ट लुक एट दिस। यह है पाकिस्तान का पासपोर्ट। इस पे सबसे ऊपर बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है दिस पासपोर्ट इज वैलिड फॉर ऑल कंट्रीज ऑफ द 00:06:31 वर्ल्ड एक्सेप्ट इजराइल। और अगर इसके खिलाफ कोई पाकिस्तानी आवाज उठाए तो उन्हें सीधा अरेस्ट कर लिया जाता है। इनफैक्ट पाकिस्तान के कई स्कूलों में सबसे पहली सीख तो यह दी जाती है कि हिंदूस आर काफिर्स एंड जस आर एनिमीज़ ऑफ इस्लाम। और सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात तो यह है कि पाकिस्तान अब तक इजराइल को रेकॉग्नाइज ही नहीं करता एज अ कंट्री। यह सब इंसिडेंसेस एक ही डायरेक्शन में पॉइंट करते हैं कि अगर इंडिया के बाद पाकिस्तान को किसी से नफरत है तो वो है इजराइल। और इस दुश्मनी की जड़ दोनों भी कंट्रीज के आईडियोलॉजीस में ही है। दोनों की 00:07:04 आईडियोलॉजीस एक दूसरे से एकदम अपोजिट है। एक जुइश स्टेट है और दूसरा इस्लामिक। बेसिकली पाकिस्तान का इंडिया के बारे में जो सोचना है, वैसा ही कुछ इजराइल के बारे में भी सोचना है। मतलब उसे जैसे लगता है कि इंडिया ने मुस्लिम मेजॉरिटी कश्मीर पर कब्जा किया है वैसे ही इजराइल ने भी मुस्लिम डोमिनेटेड पैलेस्तीन पर इललीगली कब्जा किया हुआ है। सो वो इजराइल को तब तक रिकॉग्नाइज नहीं करेगा जब तक वो पैलेस्तीन को फ्री नहीं कर देते। इनफैक्ट इजराइल ने जब भी कोई वॉर लड़ा था, पाकिस्तान हमेशा ऑपोजिट कंट्री को हेल्प करता था। 00:07:34 पाकिस्तान को इजराइल इतना नापसंद है कि कुछ पाकिस्तानियों को तो यह भी लगता है कि बालाकोट स्ट्राइक में इंडिया ने इजराइली पायलट्स को ही भेजा था। सो अब फ्रेंड्स आई थिंक ये सब क्लियरली एक्सप्लेन करता है कि क्यों पाकिस्तान इजराइल की कश्मीर में एंट्री से तिलमिलाया हुआ है। सो पीओके पर इजराइल का इंडिया को सपोर्ट एकदम साफ है। आप लोग ने देखा। लेकिन मेरे हिसाब से पाकिस्तान को फिलहाल कश्मीर और कश्मीरियों पर से नजर हटा के अपने देश और अब उसकी इकॉनमी पर डालना चाहिए।