Lalu yadav
Description
पटना का ‘ग्रेट ब्रेकफ़ास्ट कांड’ एक सुबह तेजस्वी यादव अचानक जोश में उठे और बोले— “आज मैं सबके लिए नाश्ता बनाऊँगा!” लालू प्रसाद यादव अख़बार पढ़ रहे थे। उनकी चश्मे की स्क्रू ढीली होते-होते बची। “अरे वाह! ये तो इतिहास लिखा जाएगा! तेजस्वी रसोई में? नितीश जी, आइए-आइए, ये चमत्कार देखने लायक है!” नितीश कुमार, जो घर में शांति से चाय पी रहे थे, शक में पड़ गए। “तेजस्वी खाना बनाएगा? मुझे तो डिज़ास्टर-मैनेजमेंट टीम साथ ले जानी चाहिए…” लेकिन वो आए। 🥘 दृश्य 1: रसोई में तूफान तेजस्वी ने एप्रन पहन रखा था जिस पर लिखा था— “World’s Best Chef (in training)” उन्होंने गर्व से कहा, “आज मैं पोहा बनाऊँगा!” लालू मुस्कुराए। नितीश ने हौले से कहा, “बस… अब भगवान ही इनका पोहा बचाए।” तेजस्वी ने प्याज काटना शुरू किया। दो मिनट में ऐसा लग रहा था मानो प्याज़ ने उन्हें काट दिया हो। लालू बोले, “बाबू, पोहा बना रहे हो या IPL? ये प्याज़ हवा में क्यों उड़ रहे हैं?” तेजस्वी बोले, “पापा, ये हाई-स्पीड टैक्टिकल कुकिंग है!” नितीश बोले, “ये कुकिंग नहीं, फॉर्मूला-वन रेस है!” 🐥 दृश्य 2: मुर्गी का हंगामा उसी वक्त एक मुर्गी रसोई के दरवाज़े पर आ गई। तेजस्वी चिल्लाए— “वाह, ताज़े अंडे!” लेकिन मुर्गी सीधे अंदर भागी और जाकर नितीश कुमार की गोद में बैठ गई। नितीश चीखे— “अरे मैं पोहा खाने आया हूँ, मुर्गी गोद लेने नहीं!” लालू हँसते-हँसते कुर्सी से गिरते-गिरते बचे। “देखो नितीश जी! मुर्गी को भी आपकी स्थिर सरकार पसंद है!” नितीश बोले— “लालू जी, कृपया… मुझे इस मुर्गी के साथ गठबंधन नहीं चाहिए।” 🥣 दृश्य 3: अंतिम आपदा आखिरकार तेजस्वी ने अपनी ‘कृति’ परोसी। एक कटोरा पोहा… जो खुद तय नहीं कर पा रहा था कि वो पोहा है, उपमा है, या खिचड़ी। लालू ने हिम्मत करके पहला निवाला लिया। उन्होंने आँखें झपकाईं। सोचा। फिर बोले— “बाबू… ये पोहा है… या उपमा… या कोई नया स्टार्ट-अप?” नितीश ने भी चखा और बोले— “ये व्यंजन तो बिहार की राजनीति जैसा है— योजना कुछ और शुरू करो… और बन कुछ और जाता है।” तेजस्वी ने गर्व से पूछा— “तो… कैसा लगा?” दोनों ने एक-दूसरे को देखा और बोले— “चलो बाहर चलकर लिट्टी-चोखा खा लेते हैं।” और ऐसे खत्म हुआ पटना का ग्रेट ब्रेकफ़ास्ट कांड— पोहा कोई नहीं खा पाया, लेकिन हँसी भरपूर मिली।
