sahiba

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Beschreibung

साहिबा, आए घर काहे ना? ऐसे तो सताए ना देखूँ तुझको, चैन आता है साहिबा, नींदें-वींदें आए ना, रातें काटी जाए ना तेरा ही ख़याल दिन-रैन आता है साहिबा, समुंदर मेरी आँखों में रह गए हम आते-आते, जानाँ, तेरी यादों में रह गए ये पलकें गवाही हैं, हम रातों में रह गए जो वादे किए सारे बस बातों में रह गए बातों-बातों में ही, ख़्वाबों-ख़्वाबों में ही मेरे क़रीब है तू तेरी तलब मुझको, तेरी तलब, जानाँ, हो तू कभी रू-ब-रू शोर-शराबा जो सीने में है मेरे, कैसे बयाँ मैं करूँ? हाल जो मेरा है, मैं किस को बताऊँ?

pa
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ਦਿਲ ਦੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਕਰਾਂ, ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਪਨੇ ਤੇਰੇ ਭਰਾਂ। ਕਿੰਨੀ ਦੂਰ ਹੈਂ ਤੂੰ, ਫਿਰ ਵੀ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਵੱਸਦਾ, ਹਰ ਸਾਹ ਵਿੱਚ ਤੇਰਾ ਨਾਮ ਰਸਦਾ।