दुनिया का सच यही है… हमारा कोई नहीं है… सिर्फ माँ-बाप के अलावा। दोस्त? तब तक हैं जब तक उनका काम है… रिश्तेदार? सिर्फ तब याद करते हैं जब उन्हें जरूरत होती है… और लड़कियां? वो सिर्फ उन्हीं के साथ होती हैं जो अपने सपनों के पीछे भागते हैं… किसी के पीछे नहीं। तो क्यों किसी के लिए अपनी ज़िंदगी बर्बाद करना? क्यों किसी के पीछे भागना? क्यों किसी और के लिए अपने सपने तोड़ना? अगर किसी के लिए मेहनत करनी है, तो अपने माँ-बाप के लिए करो। अगर किसी चीज़ के पीछे भागना है, तो अपने लक्ष्यों के पीछे भागो। बाकी सब वक़्त के साथ बदल जाएंगे। लेकिन माँ-बाप? वो हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे। बस माँ-बाप और तुम्हारी सफलता… हमेशा तुम्हारे साथ रहेगी।
hi
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hace 9 meses
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