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आरंभ है प्रचंड बोले मस्तकों के झुंड आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो आन बाण शान या की जान का हो दान आज एक धनुष के बाण पे उतार दो आरंभ है प्रचंड
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वीर की पुकार है, धरती का आधार है, जो साहस से जीता है वही महान है। आज का दिन नया है, हर कदम विजय है, तुम चलो तो जग तुम्हारे साथ है। मृत्यु से न डर कभी, विजय तेरी है सभी, यही तो वीरों का विधान है।
