Description
कभी-कभी… सपने पूरे होने से पहले… इंसान को अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी परीक्षा देनी पड़ती है। ये कहानी है एक ऐसे लड़के की… जिसने गरीबी के अंधेरे में आँखें खोली… लेकिन सपने हमेशा आसमान जितने बड़े देखे।" एक छोटा बच्चा टूटी झोपड़ी में, माँ बीमार बिस्तर पर, और वो रात को सड़क किनारे पढ़ाई करता हुआ। उसकी आँखों में सिर्फ़ एक सपना – “इंजीनियर बनना और अपनी माँ का इलाज कराना।” "माँ… एक दिन मैं ये अंधेरा ज़रूर मिटाऊँगा। बस तुम मेरा इंतज़ार करना।"
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आज मैं आपको एक लड़के की कहानी सुनाता हूं जो रोज सुबह चार बजे उठकर अखबार बांटता था। स्कूल जाता था और रात को टूटी सी लालटेन में पढ़ता था। आज वही लड़का एक सफल डॉक्टर है। सपने वो नहीं जो नींद में देखे जाते हैं, सपने वो हैं जो सोने नहीं देते।