Krishna ji

Krishna ji

@Mayank Shokeen
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“कभी-कभी ज़िंदगी तुम्हें तोड़ देती है लेकिन गीता कहती है तुम टूटे नहीं हो, तुम बस जाग रहे हो। कर्म करो क्योंकि तुम्हारा कर्म ही तुम्हारी पहचान है। लोग क्या कहेंगे, दुनिया क्या सोचेगी—इन सबकी आवाज़ों को शांत कर दो क्योंकि कृष्ण कहते हैं जिसे अपना मार्ग साफ़ दिख जाता है उसे दुनिया का शोर डिगा नहीं सकता। तुम्हारी लड़ाई बाहर वालों से नहीं, तुम्हारे अंदर छिपे डर, आलस और बहानों से है। और जब तुम खुद को जीत लेते हो तब पूरी दुनिया तुम्हारे कदमों में आ जाती है। याद रखो तुम्हारा अधिकार सिर्फ़ कर्म पर है, फल पर नहीं। इसलिए उठो, डरो मत, अपनी क्षमता को जगाओ और वहाँ चलो जहाँ तुम्हें खुद भी भरोसा नहीं था कि तुम पहुँच सकते हो।”

hi
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