説明
माता वैष्णो देवी की कथा बड़ी अद्भुत है। कहते हैं, त्रेतायुग में माँ ने मानव रूप में जन्म लिया और कठोर तपस्या कर धर्म की रक्षा का संकल्प लिया। जब दुष्ट राक्षस भैरवनाथ ने माँ को परेशान किया, तब माता ने त्रिकूट पर्वत की गुफा में शरण ली। आखिरकार, माँ ने भैरव का वध किया, और उसकी मुक्ति के लिए वरदान भी दिया कि माँ के दर्शन तब तक पूर्ण नहीं होंगे, जब तक भक्त भैरव बाबा के भी दर्शन न कर लें। आज भी भक्त कटरा से चढ़ाई करके माता के दरबार तक पहुँचते हैं और फिर भैरव बाबा के दर्शन कर अपनी यात्रा को सफल मानते हैं। माना जाता है कि जो सच्चे मन से माता वैष्णो देवी को पुकारता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है
hi
サンプル
1
Default Sample
एक दिन की बात है, जब भगवान कृष्ण अर्जुन से मिले। अर्जुन ने पूछा, "हे प्रभु, भक्ति का सार क्या है?" कृष्ण मुस्कुराए और बोले, "प्रेम और समर्पण ही सच्ची भक्ति है। जहाँ प्रेम है, वहीं मैं हूँ।" अर्जुन के नेत्रों में आँसू आ गए।