説明
"वो तो रौशनी थी, और मैं साया बन गया, उसके पीछे चलता रहा, और खुद से दूर होता गया। एकतरफा था मेरा इश्क़, मगर सच्चाई की मिसाल था, हर मुस्कान में उसका नाम ढूँढता, वो मेरी बेहाल हालात का सवाल था। उसके चेहरे की चमक मेरे अंधेरे में उजाला थी, पर मेरी आवाज़, उसकी दुनिया में बस एक साया थी। वो हँसी से बात करती थी, मैं खामोश मुस्कुरा देता था, दिल में तूफ़ान चलते थे, मैं दुनिया से छुपा लेता था। हर रोज़ उससे मिलने की वजह ढूँढता रहा, पर कभी उसे ये एहसास ना दिला सका कि मैं क्यों उसके पास रहा। उसकी पसंद, उसका वक़्त, सब जानता था, पर अफ़सोस… उसकी नज़रों में मैं बस एक अजनबी बनकर रह गया था। वो किसी और की बाहों में मुस्कराई, और मैं… अपनी तक़दीर को कोसता रहा, मेरी आँखें तब भी भीग आईं। मैंने खुद को उसके ख्वाबों में सजाया, मगर वो तो हक़ीक़त में किसी और का बन गया साया। अब भी लोग पूछते हैं — तेरा क्या हाल है? मैं मुस्करा के कह देता हूँ — 'बस थोड़ा बेहाल है।' किसी ने कहा था — सच्चा प्यार कभी हारता नहीं, पर शायद वो एकतरफा इश्क़ के उसूल नहीं जानता था।"