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भगवत गीता अध्याय दो, श्लोक बारह की व्याख्या करते हुए, हम देखते हैं कि आत्मा अमर है, शरीर नश्वर। जैसे मनुष्य पुराने वस्त्र त्यागकर नए धारण करता है, वैसे ही आत्मा एक शरीर छोड़कर दूसरा धारण करती है। यह ज्ञान हमें जीवन की सच्चाई समझाता है।
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