説明
सर्वप्रथम पवित्र व समतल स्थान पर उपयुक्त आसन में मेरुदंड में गर्दन सिर को सीधा करके बैठ जाते हैं फिर बाएं नासारंध्र अंदर से धीरे-धीरे पूरक करते हैं तथा दाईं ने नासारंध्र अंदर से तीव्रता से रोचक करते हैं फिर दाहिनी नासारंध्र से अंदर से तीव्रता से नीचे करते हैं फिर दाहिनी नासारंध्र से धीरे पूरक करते हैं तथा बाय नासारंध्र अंदर से तीव्रता से रोचक करते हैं इस प्रकार यह क्रिया 10 बार करते हैं तथा धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ते रहते हैं
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सर्वप्रथम पद्मासन में बैठकर आँखें बंद करें। दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें। श्वास को नियंत्रित करते हुए, मन को शांत करें। धीरे-धीरे गहरी श्वास लें और छोड़ें। यह क्रिया पांच मिनट तक करें।