Description
[Intro] सुन ले भाई... एक ही नाम — शेरघाटी। अब ये बस शहर नहीं, एक अंदाज़ है। [हुक] मैं शेरघाटी से हूँ, नाम मत भूल, काम मेरा ऐसा, बजा दे ढोल। दिल्ली-मुंबई से कम नहीं यार, छोटे शहर की सोच, लेकिन दिलदार। [पहला अंतरा] मिट्टी का बेटा, सड़क का राजा, चाय की चुस्की, पर जोश है ताज़ा। पीठ पे बैग, सीने में अरमान, साधारण कल था, आज मेरा नाम। हर गली में जोश है, हर आँख में आग, हर सपना यहाँ बने असली इत्तफाक। लोग कहते छोटे शहर कुछ नहीं कर पाते, हम कहते हैं — "बस वक्त दो, हम भी चमकते।" [हुक दोहराओ] मैं शेरघाटी से हूँ, नाम मत भूल, काम मेरा ऐसा, बजा दे ढोल। दिल्ली-मुंबई से कम नहीं यार, छोटे शहर की सोच, लेकिन दिलदार। [दूसरा अंतरा] हर गली में हुनर है, हर दिल में चाल, साधारण लोग, लेकिन सपनों की मिसाल। IAS से लेकर माइक वाला गेम, शेरघाटी के लड़के करें सबके नाम। धीमे हैं? ये तो गलतफहमी है, सच बोलते हैं, यही हमारी गर्मी है। शब्द हमारे तीर हैं, हर लाइन tight, छोटे शहर से आए, लेकिन कर दिया bright। [हुक – अंतिम बार] मैं शेरघाटी से हूँ, नाम मत भूल, काम मेरा ऐसा, बजा दे ढोल। दिल्ली-मुंबई से कम नहीं यार, छोटे शहर की सोच, लेकिन दिलदार। [आउटरो] अब जब सुनेगा, बोलेगा — “बाप रे!” शेरघाटी का नाम, अब चल रहा टॉप पे। हाथ में माइक, दिल में बात, ये शहर मेरा है — और अब मेरी है बात।