Bhide bhai Tarak Mehta

Bhide bhai Tarak Mehta

45
Total Use
0
Total Share
1
Total Likes
0
Total Saved
Use Voice

Description

N/A

hi
Samples
1
Default Sample
अरे बाबा, हमारे जमाने में तो सब कुछ अलग था। हम लोग सुबह चार बजे उठ जाते थे, पूरी गली में सन्नाटा होता था। आजकल के बच्चे क्या जानें, हमने कैसे अनुशासन से जीवन जिया था। तुम्हें बताऊं एक बार की बात...