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त्योहारों की इस रंगीन रात में, जब दीयों की रोशनी आंगन को जगमगाती है, तब हर घर से उठती प्रार्थनाएं, हर मन में बसी आशाएं, एक सूत्र में पिरोती हैं हमारी संस्कृति की माला। यही है हमारी विरासत, यही है हमारी पहचान।